आइल बाड़े गोरी अब होली के.
महीना
कर देहब मुस्किल तोहार आब जीना
पीछे से सब रंग देहब हो
पिचकारी सटा के देहब फगुआ खेला
चोली मे गोली लगा देब गोरी, रंग जमुनिया डाल के
लंहगा मे मंहगा गुलाल उड़ाएम, राँगब भितरीया लाल के
गलिया के लाल क देहब हो
पिचकारी सटा......
फूलल फूलल मलपूआ खियाइब, पियाइब तोहके भाँग हो
लटर पटर लसराई जवानी, खियाइब मुर्गा टाँग हो
मस्ती डबल हम देहब हो
पिचकारी सटा.......
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गीत पढ़बाक लेल धन्यवाद, एहिपर अहाँक टिपणीक बाट जोहै छी ।