खा कऽ दही चुड़ा चिन्नी, भाँग भरि लोटा पीबी-2
हे यौ हमरा सन ककरो तँ दम नै
हमर मिथिला ककरोसँ कम नै -4
1
बाड़ी झाड़ी मे साग फड़ै छै
नवकी भौजी मखान भुजै छै
हे नीक नीकुत भोजन करी, माँछ पान खा कऽ जीबी-2
हेयौ हमरा सन बाजब नरम नै
हमर मिथिला ककरोसँ कम नै
2
दरभंगा जयनगर घुमै छी
मंडन अयाचीक गाथा गबै छी
हे तुलसी चौरा सीरा नीपी, गीत विद्यापतिक गाबी-2
कतौ हमरा सन सीता जनम नै
हमर मिथिला . . . . . . .
कमला कोशी बलान बहैये
अनधन सँ खरिहान भरैये
हमर उगना हमर राम, सबसँ नीक मिथिला धाम- 2
हेयौ हमरा सन ककरो करम नै
हमर मिथिला ककरोसँ कम नै
08 January 2017
हमर मिथिला ककरोसँ कम नै
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गीत पढ़बाक लेल धन्यवाद, एहिपर अहाँक टिपणीक बाट जोहै छी ।