23 March 2016

मुड बनि जेतौ गे

कारी कारी नैन छौ, लूटै सब के चैन छौ
सब के फँसाबें गोरी, इहे तोहर बैन छौ
जखन किओ उचक्का ध लेतौ गे
तऽ मुड बनि जेतौ गे-2

रूप तोहर चमचम छौ, देह तोहर गमगम छौ
सोलह सालक यौवन पर, कपड़ा सेहो कमकम छौ
नया नया पाइन छौ, चेहरा पर साइन छौ
सब किओ कहौ गोरी, ठोर तोहर वाइन छौ
कियो ठोर सटा चुइस लेतौ गे
तऽ मुड............

सब टा भौरा पागल छौ, काँच कली कचनारे छौ
कोना मोन सम्हारत कह, सबटि चीज देखारे छौ
नव नव समान छौ, पहिला उफान छौ
भीतरी के चीज लेल, देने सब ध्यान छौ
किओ सटासट देतौ गे
तऽ मुड बनि जेतौ......

चल कने तूँ सम्हइर कऽ, अगल बगल सँ खबइर लऽ
आशीष के तूँ मक्खन गे, खेतौ अमित कचइर कऽ
नव नव समान छौ, पहिला उफान छौ
भीतरी के चीज लेल, देने सब ध्यान छौ
किओ गपागप देतौ गे
तऽ मुड............

स्वर- आशिष मिश्रा

No comments:

Post a Comment

गीत पढ़बाक लेल धन्यवाद, एहिपर अहाँक टिपणीक बाट जोहै छी ।