लाले रंग रांगल काँवर नीक लागै छै
चलू यौ बाबा धाम बिगड़ल काम बनै छै
चलू ने काँवर उठाबू, निरमल जल भरि आबू
बोलबम बोलबम बाजू, जल्दीसँ डेग बढ़बू
आगू पाछू देखू बड़का जाम लागै छै
चलू यौ.........
बौआ त दौड़ै छै आगू, बूढ़ा बाबा भेल पाछू
भौजी के चलल नै जाइ ये, भैया भौजी के उठाबू
किओ नाचय गाबय किओ गीत गाबै छै
चलू यौ........
कहय अशोक अलवेला, सगरो भोला के छै खेला
अमित के बनबू यौ चेला, आयल ये सावन के मेला
भक्तक लेल बाबा सदिखन नीक करै छै
चलू चलू यौ बाबा धाम बिगरल काम बनै छै
एलवम- बाबा चलअ न बिहार
स्वर- अशोक अलवेला
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