26 March 2016

अपने बनल अछि दुश्मन हमर

भाग रचलनि विधाता ई केहन हमर
हमर अपने बनल अछि दुश्मन हमर-2
लोक हँसि क' पराण हमर ल' जाइये
मीत अपने बड भारी दुख द' जाइये

छूबी सोना जँ हम त' ओ माटी बनय
हित जकरा करै छी ओ अहित करय-2
हमर मुस्की धरि नोरे टा भ' जाइये
मीत अपने .......
देख हमरा बसातो त' रस्ता बदलय
छोड़ि घर हमर मेघ सगरो बरसय-2
भोर जिनगीक हमर राति भ' जाइये
मीत अपने.......
कौआ कुचरय ने हमरा लए चिट्ठी आनय
घात सहि क' हमर मन भ' विह्वल कानय-2
बिन सिनेहक सब उलहन द' जाइये
मीत अपने......

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