घघरा चोली देलकौ आब इतर बाँटै छौ
जो गे मुखिया जी के बेटा घर के भीतर बजबै छौ
हे गे मुखिया जी के बेटा तोरा भीतर बजबै छौ
भितर मे जा कऽ कने करिहें कनफुसकी
रसे रसे लिहें गोरी लभ के चुस्की
अपन कलम सँ सब टा सिगनेचर करबै छौ
जो गे मुखिया जी के बेटा घर के भीतर बजबै छौ
अपन जवानी के तूँ कैश कऽ लिहें
इन्दरा आवास अपन नाम करबबिहें
सब सरकारी योजना तोरे भीतर चलबै छौ
जो गे मुखिया.....
अगिला चुनावमे नाम तोहर चलतौ
अमित अशोक संगे ठार तोरा करतौ
रतिये भरि मे बड़का चमत्कार करबै छौ
जो गे मुखिया......
एलवम- छिटकी मारि देतौ
स्वर- अशोक अलवेला
लोड करु- http://mithilanchalweb.in/site_chhitaki_mair_deto_ashok_albela.xhtml
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गीत पढ़बाक लेल धन्यवाद, एहिपर अहाँक टिपणीक बाट जोहै छी ।