23 March 2016

दियौ गोदी मे ललनमाँ


ने चाही चानी माँ, नै चाही सोनमाँ
हे दुर्गा मैया दियौ गोदीमे ललनमाँ

अंचरा पसारि मैया, दुखिया कानैये
सासु ननदियासँ, बारल रहै ये
गाम गमैया तऽ, कहय बझिनियाँ
हे दुर्गा मैया...........

कोन अपराध हमर, किछ ने सुझैये
बोझ उलहन के माँ, आब ने उठै ये
बहैये झरना सन, दुनू नयनमाँ
हे दुर्गा मैया.........

भरि दुनियाँ के माँ, कोरा भरै छी
तकियौ हमरो पर, निहोरा करै छी
अमित सेवकका के, पुरबू सपनमाँ
हे दुर्गा मैया.......

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