06 June 2016

मरबा पर बैसल बरूआ


मरबा प बैसल बरूआ भीख माँगै छै हे
कि आहे भीख माँगै छै हे
चलू, दैया मैया दिऔ आब भीख कि बौआ आइ भीख मागै छै हे

कौने गामसँ एलैये आइ सुन्नर कपड़ा हे
कौने गामसँ एलै सोना हार जे बरूआ के घेंट शोभै छै हे

नानी गामसँ एलैये आइ सुन्नर कपड़ा हे
मामा, गामसँ एलै सोना हार जे बरूआ के घेंट शोभै छै हे

किओ दै छै टाका किओ अऽऽन दै छै हे
किओ दै छै ढाकी भरि आशीष कि बौआ सबसँ भीख लै छै हे

No comments:

Post a Comment

गीत पढ़बाक लेल धन्यवाद, एहिपर अहाँक टिपणीक बाट जोहै छी ।